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नई दिल्ली35 मिनट पहले
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ऑडी इंडिया ने आज (30 सितंबर) तकनीकी खराबी के कारण अपनी हाई परफॉर्मेंस 37 गाड़ियों को वापस बुलाया है। कंपनी के इस रिकॉल में 9 जनवरी 2020 से 12 जून 2024 के बीच बनाई गए ऑडी ई-ट्रॉन GT और RS ई-ट्रॉन GT के मॉडल शामिल हैं।
कंपनी ने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) को बताया कि रिकॉल की गई गाड़ियों में फ्रंट एक्सल पर ब्रेक होज में खराबी की समस्या की पहचान की गई है।
फ्रंट ब्रेक फेल होने की आशंका रिकॉल दस्तावेजों में बताया गया कि, स्टीयरिंग के लगातार इस्तेमाल के कारण समय के साथ होने वाले घर्षण से फ्रंट ब्रेक होज (केबल) को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे अटैचमेंट पॉइंट के पास दरारें बन सकती हैं।
इस खामी के चलते ब्रेक फ्लुइड के लीकेज होने से फ्रंट ब्रेक फेल होने से हादसा हो सकता है। इलेक्ट्रिक कार के डिजिटल उपकरण क्लस्टर पर ब्रेक फ्लुइड लेवल चेक करने का अलर्ट भी मिलेगा। हालांकि, इस दौरान रियर ब्रेक काम करेंगे।
फुल चार्ज पर 500km तक चलती है कार ई-टॉर्न GT की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 1.72 करोड़ रुपए और RS ई-टॉर्न GT की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 1.95 करोड़ रुपए है और दोनों मॉडल 93.4kWh बैटरी पैक के साथ आते हैं। ई-ट्रॉन GT में फुल चार्ज पर 500km की WLTP रेंज मिलती है। वहीं, RS ई-ट्रॉन GT में फुल चार्ज पर 481km की रेंज मिलती है। ऑडी की हाई-परफॉरमेंस ऑल-इलेक्ट्रिक सेडान पोर्श टेक्कन (₹1.89 करोड़ – ₹2.53 करोड़) और मर्सिडीज-AMG EQS 53 (₹2.45 करोड़) को टक्कर देती है।
देश में गाड़ी रिकॉल के बड़े मामले
- 1. बलेनो और वैगनआर रिकॉल: जुलाई 2020 में मारुति ने वैगनआर और बलेनो की 1,34,885 यूनिट्स को रिकॉल किया था। इन मॉडल को 15 नवंबर, 2018 से 15 अक्टूबर, 2019 के बीच तैयार किया गया था। कंपनी ने फ्यूल पंप में खराबी के चलते गाड़ियों को रिकॉल किया था।
- 2. मारुति ईको रिकॉल: नवंबर 2020 में कंपनी ने ईको की 40,453 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने गाड़ी के हेडलैम्प पर मिसिंग स्टैंडर्ड सिंबल की वजह से ये फैसला लिया था। इस रिकॉल में 4 नवंबर, 2019 से 25 फरवरी, 2020 के बीच मैन्युफैक्चर की गई ईको शामिल थीं।
- 3. महिंद्रा पिकअप रिकॉल: 2021 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपने कॉमर्शियल पिकअप व्हीकल की 29,878 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने कहा था कि जनवरी 2020 से फरवरी 2021 के बीच मैन्युफैक्चर होने वाले कुछ पिकअप व्हीकल में एक फ्ल्यूड पाइप का रिप्लेसमेंट किया जाना है।
- 4. महिंद्रा थार रिकॉल: महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपनी ऑफरोड SUV थार के डीजल वैरिएंट की 1577 यूनिट्स को फरवरी 2021 में रिकॉल किया था। कंपनी ने कहा था कि प्लांट की मशीन में गड़बड़ी के चलते ये पुर्जे खराब लग गए। सभी यूनिट का प्रोडक्शन 7 सितंबर से 25 दिसंबर, 2020 के बीच में किया गया था।
- 5. रॉयल एनफील्ड रिकॉल: मई 2021 में शॉर्ट सर्किट की आशंका के चलते रॉयल एनफील्ड ने बुलेट 350, क्लासिक 350 और मीटिअर 350 की 2,36,966 यूनिट्स को वापस मंगाया था। इन सभी की मैन्युफैक्चरिंग दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 के बीच की गई थी।
रिकॉल क्या है और क्यों होता है? जब कोई कंपनी अपने बेचे गए प्रोडक्ट को वापस मंगाती है, तो इसे रिकॉल कहते हैं। किसी कंपनी के द्वारा रिकॉल का फैसला उस वक्त लिया जाता है जब उसके प्रोडक्ट में कोई खराबी होती है। रिकॉल की प्रोसेस के दौरान वो प्रोडक्ट की खराबी को दुरुस्त करना चाहती है। ताकि भविष्य में प्रोडक्ट को लेकर ग्राहक को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
कंपनी के रिकॉल पर एक्सपर्ट की सलाह कार में खराबी को लेकर कंपनी को पहले सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (SIAM) को एक डेटा देना पड़ता है। इसमें कार की खराबी के साथ कितने प्रतिशत लोगों को प्रॉब्लम हो रही है, बताना पड़ता है। इसके बाद सियाम अप्रूवल देता है। कंपनी खराबी को ठीक करने के लिए एक टाइम तय करती है। यदि किसी ग्राहक की गाड़ी उसके खरीदे गए शहर से बाहर है, तब वो उस शहर के नजदीकी सर्विस सेंटर पर भी उसे ठीक करा सकता है।
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