[ad_1]
हाल में नारायण औषधि की पहली वर्षगांठ मनाई गई। कार्यक्रम में पूरे भारत से आयुर्वेदाचार्य शामिल हुए। पहली वर्षगांठ के साथ, नारायण औषधि ने CSR का कार्यक्रम भी किया गया, जिसमें पर्यावरण को बचाने की सामाजिक मुहिम के तहत 100 से ज्यादा पौधे लगाए गए। इनमें न
.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनिल सिंह ने बताया कि उन्होंने आयुर्वेदिक औषधियों की खेती-किसानी में हाथ आजमाया, जिसे आज भी कर रहे है , वह अश्वगंधा, सतवारी, जीरा, सफ़ेद मूसली , एलोविरा सहित तमाम औषधियाओं की खेती कर रहे है। जिसका कारण है कि विश्वभर में आयुर्वेद के प्रति खासा विश्वास है। उन्होंने 25 साल पहले विभिन्न जड़ी-बूटियों की खेती शुरू की, जिसमें एलोवेरा, शतावरी, अश्वगंधा, शार्पगंधा, सफेद मूसली और मुलेठी जैसी महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियां शामिल थीं। साल 2010 में अनिल सिंह ने अपने पिता के नाम पर ‘धीरज हर्ब्स प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी की स्थापना की। इस कंपनी का मुख्य कार्यालय उनके गृहनगर दानापुर में ही है। यह कंपनी आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण और वितरण का काम करती है।
उन्होंने बताया- उनकी टीम कैंसर जैसी लाइलाज बीमारियों के इलाज के लिए लगातार शोध कर रही है। हाल ही में उन्होंने ‘KIM100’ नामक एक दवा लॉन्च की है, जो कैंसर रोगियों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है।
[ad_2]
Source link