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गरबा आयोजनों में गैर हिंदुओं की एंट्री को लेकर अक्सर विवाद सामने आते हैं। अब इंदौर में गरबा आयोजनों में गैर हिंदुओं की एंट्री पर एक विवादित सुझाव सामने आया है। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट…
इंदौर में गरबा पंडाल में गैर हिंदुओ की नो एंट्री को लेकर एक विवादित सुझाव सामने आया है। यह सुझाव बीजेपी के इंदौर जिला (ग्रामीण) अध्यक्ष चिंटू वर्मा की ओर से दिया गया है। चिंटू वर्मा ने कहा है कि गरबा माता की आराधना के लिए आयोजित होता है। इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल होना चाहिए। गरबा पंडाल में अक्सर ऐसे लोग भी शामिल हो जाते हैं जिनको लेकर बाद में चर्चाएं होती हैं। ऐसे में मेरा मानना है और मेरा आह्वान भी है कि गरबा पंडाल में प्रवेश से पहले हर व्यक्ति को गो मूत्र प्रसाद के रूप में दिया जाना चाहिए।
बीजेपी के इंदौर जिला अध्यक्ष (ग्रामीण) चिंटू वर्मा ने कहा- कई बार गरबा आयोजनों में ऐसे लोग शामिल हो जाते हैं जिनको लेकर चर्चाएं होने लगती हैं। मेरा मानना है और मैं सबसे इसको लेकर अपील भी करना चाहूंगा कि हम पांडालों में प्रसाद वितरण करते ही हैं, गौ हमारी माता है। गौ-मूत्र हम लोग पीते ही हैं। ऐसे में प्रसाद स्वरूप में सभी को गो-मूत्र दिया जाना चाहिए।
चिंटू वर्मा ने आगे कहा कि गरबा पांडालों में जो भी लोग आएं और एंट्री से पहले गौ-मूत्र पीयें और आयोजन में शामिल हों। नवरात्रि शक्ति का पर्व है, चोटी रखना और चंदन का तिलक लगाना हमारी पहचान है। ऐसे में गरबा आयोजनों में शामिल होने वाले भी तिलक लगाकर आएं और गो-मूत्र पीने के बाद पांडालों में प्रवेश करें। गो-मूत्र पीकर पांडालों में प्रवेश दिलाएं ऐसा में आयोजकों से अनुरोध करता हूं।
यह पूछे जाने पर कि आधार कार्ड के साथ भी तो एंट्री दी जा सकती है। चिंटू वर्मा ने कहा कि आधार कार्ड ठीक है लेकिन इसमें भी एडिटिंग हो जाती है। मेरा मानना है कि जो हमारा धर्म है उसका पालन हो। गो माता के मूत्र से हमें शक्ति मिलती है और पवित्रता आती है। गरबा पांडालों में ऐसा होना चाहिए। प्रवेश करने वाला यदि हिन्दू है तो गो-मूत्र पीयेगा जरूर पीयेगा। गो-मूत्र नहीं पीने का तो सवाल ही नहीं उठता है। दो साल पहले पूर्व मंत्री और विधायक उषा ठाकुर ने ग्वालियर में कहा था कि गरबा पंडाल में आने वाले हर शख्स को पहचान पत्र के साथ ही एंट्री दी जानी चाहिए। गरबा मनोरंजन का नहीं, आस्था का प्रतीक है।
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