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सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि दिल्ली सरकार निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम प्रणाली शुरू करने वाली है। इसे कारोबार को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
दिल्ली में व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ाने और निवेशकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार सिंगल विंडो पोर्टल लॉन्च करने जा रही है। इससे निवेशकों को विभिन्न विभागों के मंजूरी के लिए चक्कर नहीं लगाने होंगे। निवेशकों की मंजूरी प्रक्रिया आसान होगी और व्यावसाय के लिए अनुकूल वातावरण बनेगा। शनिवार को उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 30 सितंबर को यह पोर्टल लॉन्च कर दिया जाएगा।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाने और लालफीताशाही को खत्म करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की शुरुआत की है। यह ऑनलाइन प्लेटफार्म आवेदनों की मंजूरी को सरल बनाने, बोझ को कम करने और सुधारों को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। अब तक 12 विभागों की 59 सेवाओं को इसमें शामिल किया गया है। व्यापारिक नियम, प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए ई-सेवा प्रदान करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी को लागू करना मुख्य सुधारों का आधार रहा है।
उद्योग मंत्री ने किसी भी नया व्यावसाय शुरू करने के लिए एक निवेशक को कई सरकारी एजेंसियों से विभिन्न स्तरों पर कई लाइसेंस और मंजूरी प्राप्त करनी होती है। इन सेवाओं की जानकारी विभिन्न अधिनियमों, नियमों और विनियमों में बंटी हुई होती है और कई जगहों पर फैली होती है। सिंगल विंडो सिस्टम की शुरुआत के साथ नियमों में काफी सुधार होगा और और अनुमोदन प्रक्रिया अधिक सुगम हो गई है।
सिंगल विंडो सिस्टम वास्तव में एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जहां निवेशक राज्य के सभी संबंधित विभागों से सीधे संवाद कर सकते हैं। उद्योग मंत्री ने बताया कि अब तक सिंगल विंडो सिस्टम प्लेटफॉर्म पर 12 संबंधित विभागों से 59 सेवाएं जोड़ी जा चुकी हैं। इसमें विशेष रूप से, दिल्ली सरकार के सात संबंधित विभागों से 37 सेवाएं शामिल की गई हैं।
इनमें श्रम विभाग, नगर निगम विभाग, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, माप एवं तौल, दिल्ली जल बोर्ड, (पावर डिस्कॉम्स) टाटा पावर, बीएसईएस, बीआरपीएल और उद्योग विभाग शामिल हैं। ये सभी सेवाएं विकास योजना के पहले चरण में सिंगल विंडो सिस्टम पर शामिल की गई हैं। दूसरे चरण में 5 संबंधित विभागों से 22 सेवाएं शामिल की गई हैं, जिनमें ड्रग और नियंत्रण विभाग, व्यापार एवं कर विभाग, उत्पाद शुल्क, मनोरंजन और लग्जरी टैक्स विभाग, डीएसआईआईडीसी और जीएसडीएल शामिल हैं।
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