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नई दिल्ली: मशहूर पिता की मकबूल संतान थे महमूद. एक्टिंग रगों में दौड़ती थी, लेकिन परिवार बुरे दौर से भी गुजरा. भरे पूरे परिवार को छोड़ा फिर लौटे भी. ड्राइवरी, कोरस सिंगर, जूनियर आर्टिस्ट तक का काम किया, लंबी जद्दोजहद के बाद अपना खास मुकाम भी बनाया. सबको हंसाने वाला एक्टर पर्दे पर बिंदास दिखा तो जिंदगी की कड़वी-खट्टी हकीकत को बताने का मौका आया, तो पर्दे पर डिस्प्ले भी कर दिया. किसी फिल्मी कहानी जैसी ही थी महमूद अली की कहानी, जिनकी 29 सितंबर को 92वीं जयंती है.
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