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दिवाला अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट्स के निलंबित निदेशक राम किशोर अरोड़ा को कर्जदाताओं और मकान खरीदारों को निपटान प्रस्ताव भेजने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। एनसीएलएटी…
नई दिल्ली, एजेंसी। दिवाला अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने कर्ज में डूबी रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट्स के निलंबित निदेशक राम किशोर अरोड़ा को अपने ऋणदाताओं तथा मकान खरीदारों दोनों को निपटान प्रस्ताव भेजने के लिए दो सप्ताह का और समय दिया है। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) ने दिवाला कार्यवाही का सामना कर रही कंपनी को यह भी सुझाव दिया कि वह निपटान प्रस्ताव को अपनी वेबसाइट भी साझा करे, ताकि सभी संबंधित हितधारकों की उस तक पहुंच संभव हो पाए।
एनसीएलएटी की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अपीलकर्ता बैंक के साथ-साथ मकान खरीदारों को भी परियोजना के समाधान के लिए एक प्रस्ताव भेज रहा है, हम अपीलकर्ता को प्रस्ताव पूरा करने तथा उसे बैंक के साथ-साथ सभी मकान खरीदारों को भेजने के लिए दो सप्ताह का समय देते हैं। पीठ ने कहा, अगली तारीख पर, हम इस बात पर विचार करेंगे कि प्रस्तुत प्रस्ताव स्वीकार किए जाने योग्य है या नहीं, ऋणदाताओं के साथ-साथ आवेदन दायर करने वाले मकान खरीदारों के वकीलों की दलील सुनने के बाद…प्रस्ताव पर सभी द्वारा कोई भी आपत्ति दर्ज की जा सकती है।
एनसीएलएटी का यह निर्देश गुरुवार को जारी किया। इससे पहले पंजाब एंड सिंध बैंक के वकील ने कहा था कि उन्हें सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के प्रवर्तक राम किशोर अरोड़ा की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।
अरोड़ा के वकील ने कहा कि बैंक की बकाया राशि के 100 प्रतिशत भुगतान के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है, जिसका उल्लेख बैंक को दिए गए आवेदन में किया गया है। उन्होंने कहा कि अरोड़ा को एक निवेशक मिल गया है जो बैंक का कर्ज चुकाने तथा परियोजना का निर्माण जारी रखने के लिए तैयार है…जो कई वर्षों से लंबित है। उन्होंने कहा कि दिवाला कार्यवाही का मामला रियल एस्टेट परियोजना से संबंधित है। परियोजना समय पर पूरी नहीं होने के बाद मामला शुरू किया गया है।
एनसीएलएटी ने 30 जुलाई को सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट्स के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर रोक लगा दी थी, क्योंकि कंपनी ने पंजाब एंड सिंध बैंक के साथ अपने विवादों को निपटाने का प्रस्ताव दिया था। इससे पहले, एनसीएलटी ने ही 216.92 करोड़ रुपये की चूक को लेकर पंजाब एंड सिंध बैंक द्वारा दायर अपील पर सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट्स के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया था।
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