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बांग्लादेश में कट्टरपंथी समूहों ने हिंदू समुदाय को दुर्गा पूजा उत्सव के आयोजन से रोका है। राजधानी ढाका के उपनगर उत्तरा में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। पुलिस ने बताया कि 32,666 मंडपों में…
कट्टरपंथी समूहों ने आयोजन स्थल बदलने पर मजबूर किया राजधानी ढाका के उपनगर उत्तरा में अधिक विरोध देखने को मिला
ढाका, एजेंसी। बांग्लादेश में कट्टरपंथी समूहों ने हिंदू समुदाय को कुछ स्थानों पर दुर्गा पूजा उत्सव के आयोजन से रोक दिया है। वहीं हिंदू समुदाय को कई उत्सव स्थल बदलने पर मजबूर होना पड़ा है। राजधानी ढाका के उपनगर उत्तरा में अधिक विरोध देखने को मिल रहा है। दुर्गा पूजा 9 से 13 अक्तूबर तक मनाई जाएगी।
पुलिस ने बताया कि बांग्लादेश के 32,666 मंडपों में उत्सव मनाया जाएगा। हालांकि, मुख्य रूप से बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा दुर्गा पूजा उत्सव के आयोजन को लेकर कोई समस्या नहीं है। लेकिन, राजधानी ढाका का उपनगर उत्तरा उन कुछ जगहों में से एक है, जहां अवरोध की खबरें आई हैं।
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि एक सप्ताह पहले कट्टरपंथी इस्लामी समूहों ने उत्तरा के 11, 13 सहित कुछ सेक्टरों में स्थानीय लोगों के नाम पर दुर्गा पूजा के खिलाफ कई मानव शृंखलाएं आयोजित की थीं। उन्होंने बताया कि जब इलाके में तनाव बढ़ा तो सेना और पुलिस ने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के स्थानीय नेताओं के साथ बैठक की।
पिछले साल हिंदू समुदाय ने उत्तरा के सेक्टर 11 के एक मैदान में दुर्गा पूजा की थी। लेकिन इस बार पास की मस्जिद के कुछ उपासकों और मदरसों के छात्रों ने पूजा रोकने के लिए वहां मानव शृंखला बना ली। बाद में जब हिंदू समुदाय ने सेक्टर 13 में दुर्गा पूजा का आयोजन करना चाहा तो वहां भी बाधाएं आईं।
खेल मैदान पर भी दुर्गा पूजा का विरोध:
सामुदायिक पुलिस अधिकारी, सिराज मिया उत्तरा फील्ड नंबर 13 में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने जमीनी हालात के बारे में खुलकर बताया। सिराज मिया ने शुक्रवार को मीडिया को बताया, ‘मैंने सुना है कि यहां दुर्गा पूजा होगी। लेकिन मस्जिद समिति ने कहा कि वे यहां पूजा की अनुमति नहीं देंगे। इसलिए यहां कोई पूजा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह मैदान 13 नंबर सेक्टर का खेल का मैदान है। आमतौर पर लोग यहां खेल खेलते हैं। मुसलमानों की ईद की नमाज यहीं होती है। मिया ने मैदान के कोने की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह एक मस्जिद है। इस मैदान के पास एक मदरसा भी है।
सेना के हस्तक्षेप से पूजा स्थल हटाना पड़ा :
प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, अंत में सेना और पुलिस के हस्तक्षेप से पूजा स्थल को हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उत्तरा सांप्रदायिक सद्भाव वाले देश बांग्लादेश में एक अलग-थलग द्वीप की तरह है। लेकिन, इस बार दुर्गा पूजा को लेकर हिंदुओं में कोई उत्साह नहीं है। उत्तरा में स्थानीय स्तर पर दुर्गा पूजा का आयोजन करने वाले हिंदुओं में से कोई भी रिकॉर्ड पर बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ।
गौरीपुर में दुर्गा प्रतिमा के साथ हुई तोड़फोड़ :
आयोग ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का ध्यान 26 सितंबर, 2024 को ‘प्रथम आलो अखबार में प्रकाशित समाचार की ओर आकर्षित किया गया है, जिसका शीर्षक है ‘मायमंसी के गौरीपुर में दुर्गा प्रतिमा के साथ तोड़फोड़, युवक गिरफ्तार। बयान में कहा कि ‘आयोग आगामी दुर्गा पूजा के अवसर पर गैर-भेदभावपूर्ण और गैर-सांप्रदायिक बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद धार्मिक अल्पसंख्यकों की मूर्तियों को तोड़ने की घटना को अत्यधिक घृणित, निंदनीय और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन मानता है। आयोग ने इस संबंध में स्वतःस्फूर्त शिकायतों (सुओमोटो) को स्वीकार कर लिया है। प्रकाशित समाचार की समीक्षा से पता चला कि गौरीपुर, मैमनसिघ में दुर्गा प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की घटना हुई थी।
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