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आंध्र प्रदेश के तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी के मंदिर का लड्डू अत्यधिक मांग में है। हर महीने एक करोड़ लड्डू बिकते हैं, और पिछले साल 36 लाख लड्डू की बिक्री हुई। यह मिठाई 500 साल पुरानी है और इसे…
तिरुपति (आंध्र प्रदेश), एजेंसी। आंध्र प्रदेश में श्री वेंकटेश्वर स्वामी के मंदिर के पवित्र तिरुपति लड्डू की मांग बहुत अधिक है। जीआई टैग वाले तिरुपति लड्डू को अक्सर वीआईपी लोगों को उपहार में दिया जाता है। हर महीने करीब एक करोड़ लड्डू की बिक्री होती है। राज्य के पूर्व मुख्य सचिव और टीटीडी के पूर्व कार्यकारी अधिकारी एलवी सुब्रह्मण्यम ने कहा कि लड्डू का इतिहास करीब 500 साल पुराना है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जब भी प्रधानमंत्री या केंद्र सरकार के किसी महत्वपूर्ण पदाधिकारी से मिलते हैं, तो देवता की मूर्ति, टीटीडी ब्रांडेड शॉल और एक कैलेंडर के साथ पार्टी लाइन से हटकर यह लड्डू बड़े चाव से साझा करते हैं।
पिछले साल 36 लाख लड्डू बिके
इस पवित्र मिठाई की इतनी मांग है कि पिछले साल 10 दिवसीय वियाकुंटद्वार दर्शन के दौरान 36 लाख लड्डू बिके थे।
अयोध्या भेजे गए एक लाख लड्डू
जनवरी में अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए श्री वेंकटेश्वर मंदिर के आधिकारिक संरक्षक टीटीडी ने एक कार्गो विमान में एक लाख से अधिक लड्डू भेजे थे।
1480 में ‘मनोहरम नाम से प्रसिद्ध था
राज्य के पूर्व मुख्य सचिव और टीटीडी के पूर्व कार्यकारी अधिकारी एलवी सुब्रह्मण्यम ने कहा कि इस लड्डू को ‘पोटू में बनाया जाता है, जिसका अर्थ है लड्डू बनाने वाली रसोई। टीटीडी से सूत्रों ने बताया कि मंदिर के कुछ शिलालेखों के अनुसार 1480 में इस मिठाई को ‘मनोहरम कहा जाता था। बूंदी, गुड़ की चाशनी, बादाम, काजू, किशमिश और अन्य चीजें लड्डू को अलग स्वाद, सुगंध और स्वाद देती हैं।
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