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बंगाल सरकार ने झारखंड सीमा को अगले तीन दिनों के लिए बंद कर दिया है। इसके पीछे सरकार ने डीवीसी की ओर से छोड़े गए पानी से आए बाढ़ को वजह बताया है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने 19 सितंबर की रात से झारखंड से पश्चिम बंगाल की सभी सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया है। अत्यावश्यक मामलों को छोड़कर किसी भी मालवाहक वाहन को राज्य में प्रवेश की अनुमति नहीं है। आधिकारिक तौर पर स्थानीय पुलिस का कहना है कि उच्च अधिका
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राज्य प्रशासन ने कहा है कि दक्षिण बंगाल में बाढ़ की गंभीर स्थिति के कारण झारखंड से किसी भी वाहन को राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। सरकार को इस बात की चिंता है कि वाहन बाढ़ में बह जाएंगी। सरकार ने दोनों राज्यों की सीमा को तीन दिनों तक बंद रखने का फैसला किया है।
बंगाल के 11 जिलों में बाढ़ का असर दामोदर घाटी निगम से तीन दिनों में करीब 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण राज्य के 11 जिले बाढ़ से तबाह हो गए हैं। 26 लोग मारे गए हैं। लाखों लोग बेघर हुए हैं।
डीवीसी पंचेत, मैथन और दुर्गापुर बराज से छोड़ा गया है पानी राज्य सरकार का मानना है कि दामोदर घाटी निगम द्वारा झारखंड राज्य को संकट से बचाने के लिए पंचेत, मैथन और दुर्गापुर बैराज से अतिरिक्त पानी छोड़ने के कारण बंगाल में बाढ़ जैसे हालात हुए है। इसके चलते बीती रात से ही रूपनारायणपुर चेक पोस्ट, डुबुरडीही, नाला अन्य जगहों पर झारखंड की ओर ट्रकों की कतारें लगी हुई हैं।
झारखंड सीमा पर लगी ट्रकों की कतार कई ट्रक सड़क पर लंबी कतार में हैं। रूपनारायणपुर-जामताड़ा चेक पोस्ट क्षेत्र का दौरा करने पर ट्रकों को मक्का, चावल और अन्य सामान के साथ पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने की अनुमति दी गयी है। निरसा बीडीओ डुबुरडीही चेक पोस्ट पर पहुंचे और पुलिस से बात की। आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी मुख्यालय अरविंद आनंद भी चेकनाका का जायजा लेते देखे गए।
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