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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी पर देश भर में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य के कुछ हिस्सों को लेकर अलग राज्य बनाने की चाहत रखने वाले राजनीतिक गिद्धों को गुजरात के समुद्र में फेंकने का समय आ गया है। झारखंड चुनाव के लिए भाजपा प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा का नाम लिए बिना सोरेन ने उन्हें आयातित नेता करार दिया और आरोप लगाया कि वह (शर्मा) राज्य के सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
सोरेन ने जामताड़ा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘भाजपा के ये राजनीतिक गिद्ध अब संथाल परगना और बिहार तथा बंगाल के कुछ हिस्सों को मिलाकर एक अलग राज्य बनाना चाहते हैं। ऐसे लोगों को बोरी में भरकर गुजरात के समुद्र में फेंक देना चाहिए। एक तरफ पूंजीपतियों का समूह है तो दूसरी तरफ गरीब। उनकी साजिशों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।लोकसभा में जिस तरह इन्हें झारखण्ड में सीख मिली है ऐसी ही सीख विधानसभा में भी देने की जरूरत है।’
सोरेन ने दावा करते हुए कहा कि गुजरात का एक गिरोह पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने पर तुला हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि वे दूसरे राज्यों से नेताओं को आयात कर नफरत के बीज बोते हैं। सोरेन ने विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की प्रस्तावित परिवर्तन यात्रा पर भी निशाना साधा और दावा किया कि इसका इस्तेमाल सांप्रदायिक विवाद को भड़काने के लिए किया जाएगा। वे (भाजपा नेता) गांव-गांव और पंचायत-पंचायत घूम-घूमकर यह धारणा फैलाएंगे कि हिंदू खतरे में हैं। संघर्ष को भड़काने के लिए वे हिंदुओं और मुसलमानों के साथ-साथ आदिवासी तथा गैर-आदिवासी समुदायों के बीच विभाजन पैदा करेंगे।’
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘जहां लोग झगड़ा करते हैं वहीं इनकी राजनीतिक रोटी पकती है, जहां लोग शांति से रहते हैं वहां इनकी राजनीतिक रोटी नहीं पकती। इन्हें षड्यंत्र का मुंह तोड़ जवाब देना है।’ सोरेन ने कहा ‘लोकसभा चुनाव में भाजपा ने हिंदू-मुस्लिम की राजनीति की। नतीजा यह हुआ कि पूरे देश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को 6 इंच छोटा कर दिया। इन्हें सरकार बनाने के लिए बैसाखी की जरूरत पड़ी।’ उन्होंने दावा किया कि इस वर्ष के अंत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी इस तरह के परिणाम सामने आएंगे।
सीएम ने कहा, ‘ये लोग नया-नया शगूफा छोड़ते हैं। पता चला है कि वन नेशन, वन इलेक्शन स्वीकृत हो गया। यह चाहते हैं कि देश में एक ही दल राज करे। एक ही सरकार हमेशा रहे। चाहे राज्य हो या देश। दूसरी कोई सरकार नहीं, सिर्फ और सिर्फ एक। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले ये लोग, सामंती लोग राज करने के फिराक में हैं। आप लोग तैयार रहिएगा।’
हेमंत सोरेन ने आगे कहा, ‘पूर्व की डबल इंजन भाजपा सरकार के कार्यकाल में 11 लाख लोगों का राशन कार्ड डिलीट कर दिया गया था। उस समय सामान्य जीवन में लोग राशन कार्ड हाथ में लेकर भात-भात कह कर मरे थे। हम लोगों ने सरकार का गठन किया और 20 लाख हरा राशन कार्ड बनाकर गरीबों के बीच बांटने का कार्य किया।विपक्ष के लोग मुझे राज्यवासियों के लिए सरकारी दुकान से राशन खरीदने नहीं देते। खुले बाजार से राज्य सरकार अनाज खरीद कर राशन वितरण करती है। इस राज्य के गरीब लोगों को आवास देने के लिए हम लोग तीन वर्ष तक भारत सरकार से आग्रह करते रहे, लेकिन उन्होंने गरीबों को आवास नहीं दिया। अंततः हमने निर्णय लिया और राज्य के गरीब लोगों को आपकी सरकार अबुआ आवास दे रही है।’
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