[ad_1]
झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य में उपायुक्त की ओर से संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए नहीं होने की गलत जानकारी दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य में उपायुक्त की ओर से संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए नहीं होने की गलत जानकारी दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। साहिबगंज में चार बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात कही गई है, लेकिन उपायुक्त ने किसी भी तरह के घुसपैठ होने से इनकार किया है। दूसरी ओर केंद्र सरकार कह रही है कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों ने प्रवेश किया है, जिससे वहां किसी खास समुदाय की आबादी बढ़ गई है।
हाई कोर्ट ने कहा कि गलत जानकारी देने के लिए उपायुक्त के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई भी शुरू कर सकती थी, लेकिन कोर्ट का मकसद संथाल परगना में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के माध्यम से बांग्लादेशियों का घुसपैठ हो रहा है या नहीं इसकी सही जानकारी प्राप्त करना है। अगर बांग्लादेशी घुसपैठिए संथाल परगना में प्रवेश पा रहे हैं, तो उसकी रोकथाम जरूरी है।
झारखंड उच्च न्यायालय में बुधवार को सुनवाई के दौरान वर्चुअली रूप से जुड़े सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार के गृह सचिव और झारखंड के मुख्य सचिव मिलकर संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों की जांच को लेकर हाई पावर कमेटी बनाने के संबंध में निर्णय लेंगे। हाई पावर कमेटी के संबंध में लिए गए निर्णय को केंद्र सरकार शपथ पत्र के माध्यम से दाखिल करेगी। मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी।
उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के संथाल परगना में अवैध प्रवेश को लेकर दानियल दानिश की जनहित याचिका पर आज सुनवाई की। दरअसल उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार की ओर से शपथ दाखिल कर कहा गया है कि एनआरसी के माध्यम से संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि संथाल परगना में ट्राइबल की आबादी 42% से घटकर 28% हो गई है। पाकुड़ और साहिबगंज में वर्ष 2011 तक मुस्लिम समुदाय की आबादी करीब 35% बढ़ गई है। वहीं पूरे संथाल परगना में मुस्लिम समुदाय की आबादी वर्ष 2011 तक 13% बढ़ गई है।
[ad_2]
Source link