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रांची में सबसे बड़े दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण बिना कोई कारण बताए जगन्नाथपुर पुलिस ने रोक दिया। थाना प्रभारी दिग्विजय सिंह ने गुरुवार रात में श्रमिकों को पंडाल निर्माण करने पर जेल भेजने की धमकी भी दी। इसके बाद प्रशासन और कमिटी के बीच तल्खी बढ़ गई।
रांची में पुरानी विधानसभा मैदान में बन रहे शहर के सबसे बड़े दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण बिना कोई कारण बताए जगन्नाथपुर पुलिस ने रोक दिया। थाना प्रभारी दिग्विजय सिंह ने गुरुवार रात में श्रमिकों को पंडाल निर्माण करने पर जेल भेजने की धमकी भी दी। शुक्रवार सुबह भी कारीगरों को काम करने से रोका गया। मामले का पता चलने पर पूजा समितियों के अलावा शहर के लोगों ने निर्माण रोकने का विरोध जताते हुए सड़क पर उतरने की चेतावनी दी।
श्रीराम लला पूजा समिति के लोगों ने थाना प्रभारी से काम रोकने का कारण पूछा तो उन्होंने पूजा के लिए लाइसेंस नहीं लेने की बात कही। साथ ही कहा कि ऊपर से आदेश है कि आयोजन रोका जाए। श्री रामलला पूजा समिति के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि बिना किसी लिखित आदेश के थाना प्रभारी ने काम रुकवाया है।
दोपहर तीन बजे विधायक नवीन जायसवाल, सीपी सिंह समेत कई पूजा समितियों के प्रतिनिधि पहुंचे। जायसवाल ने पूजा समितियों के प्रतिनिधियों के साथ हाथ में हथौड़ा लेकर पंडाल निर्माण पुन: शुरू कराया। इस अवसर पर रांची जिला दुर्गा पूजा समिति के विक्की यादव, मुनचुन राय, कुणाल आजमानी, अशोक चौधरी, पवन सिंह, हरेद्र सिंह के अलावा काफी संख्या में लोग मौजूद थे।
समिति बोली- एचईसी से ली अनुमति, दिया किराया
समिति के महासचिव कुणाल आजमानी ने बताया कि पंडाल निर्माण के लिए एचईसी से अनुमति लेकर 9 लाख रुपए किराया जमा किया गया है। 300 वाहनों के लिए रेलवे की जमीन पार्किंग के लिए ली गई है। पूजा आयोजन की एसएसपी से लेकर अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी जा चुकी है। बावजूद इसके निर्माण कार्य रोका जा रहा है। कोई भी अधिकारी लिखित में आदेश नहीं दे रहा है।
प्रशासन का तर्क- सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी नहीं
जिला प्रशासन के अनुसार दो दिन पहले ही समिति ने पूजा करने की सूचना दी है। लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने आदि की व्यवस्था क्या होगी, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। धार्मिक आयोजन को रोका नहीं जा सकता, लेकिन व्यवस्थाओं की जानकारी दी जानी चाहिए।
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