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नई दिल्ली: पीएम मोदी बीते दिनों सीजेआई चंद्रचूड़ के बुलावे पर गणेश पूजा में पहुंचे. सीजेआई चंद्रचूड़ के घर से जैसे ही पीएम मोदी की तस्वीर आई, विपक्ष हायतौबा करने लगा. कई विपक्षी नेताओं ने इस पर हैरानी जताई और सवाल खड़े किए. उद्धव वाली शिवसेना ने तो उसके मामलों से सीजेआई के अलग होने की मांग कर दी. कपिल सिब्बल से लेकर सुप्रिया सूले तक ने सीजेआई के घर गणेश पूजा में पीएम मोदी के जाने पर सवाल उठाए. पीएम मोदी के इस कदम पर विपक्ष पूरी तरह से हमलावर रहा. इधर विपक्ष सीजेआई के घर गणेश पूजा में फंसा रहा और उधर मोदी के दो दूतों ने कमाल कर दिया. यहां बात भारत के विदेश मंत्री जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एनएसए की हो रही है.
दरअसल, भारत में जब पीएम मोदी के सीजेआई के घर जाने पर विपक्ष उलझा था, तब मोदी के दो अहम दूत दुनियाभर की टेंशन खत्म कराने की कवायद में जुटे थे. विदेश मंत्री एस जयशंकर जहां सऊदी अरब, जर्मनी और स्विटजरलैंड में भारत की डिप्लोमेसी का लोहा मनवा रहे थे. वहीं मोदी के संकटमोचक एनएसए अजीत डोभाल रूस में यूक्रेन जंग खत्म कराने की कोशिशों को रंग दे रहे थे. अजीत डोभाल पीएम मोदी का संदेश लेकर मॉस्को गए थे. उन्होंने ब्रिक्स एनएसए सम्मेलन के इतर पुतिन से वन टू वन मुलाकात की और पीएम मोदी का संदेश सुनाया. पुतिन ने भी अपने सामने बिठाकर सारी बातें सुनीं.
जयशंकर ने दिखाया भारत का दमखम
सबसे पहले जानते हैं कि विदेश मंत्री ने क्या किया. विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन देशों की यात्रा पर हैं. पहले वह सऊदी अरब गए, उसके बाद जर्मनी और अब स्विटजरलैंड. स्विट्जरलैंड के शहर जेनेवा में एस जयशंकर ने ब्रिक्स की खूब वकालत की और इस तर्क को खारिज किया कि रूस, चीन और भारत जैसे अन्य 6 देशों का संगठन ब्रिक्स गैर जरूरी संगठन है. उन्होंने बेबाक लहजे में साफ कहा कि जब जी 7 के साथ-साथ जी20 हो सकता है तो फिर ब्रिक्स क्यों नहीं. ब्रिक्स ग्लोबल जीडीपी का 27 फीसदी रिप्रजेंट करता है. इसमें भारत, रूस और चीन समेत कई देश हैं.
भारत-चीन टेंशन पर जयशंकर
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर भी जयशंकर ने लेटेस्ट जानकारी दी. जयशंकर के मुताबिक, एलएसी पर भारत और चीन का तनाव अब कम हो रहा है. उन्होंने माना कि गलवान हिंसा की वजह से भारत और चीन के संबंध प्रभावित हुए हैं. कोई भी सीमा पर हिंसा के बाद यह नहीं कह सकता कि बाकी संबंध इससे अछूते हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है. हमने कुछ प्रगति की है. सैनिकों की वापसी संबंधी करीब 75 प्रतिशत समस्याओं का हल निकाल लिया गया है. यानी चीनी सैनिक एलएसी से पीछे हट चुके हैं. इस तरह जयशंकर ने दुनिया को भारत के स्टैंड से अवगत कराया.
अजीत डोभाल ने क्या किया?
अब बात मोदी के दूसरे दूत अजीत डोभाल की. अजीत डोभाल ब्रिक्स एनएसए समिट के लिए रूस में हैं. भारत की ओर से वह यूक्रेन जंग में मीडिएटर हैं. गुरुवार को अजीत डोभाल और पुतिन की मुलाकात हुई. अजीत डोभाल ने पुतिन को मोदी का संदेश दिया. उन्होंने यह भी बताया कि कीव यात्रा के दौरान पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच क्या-क्या बात हुई थी. अजीत डोभाल ने साफ कह दिया कि भारत यूक्रेन जंग में शांति का पक्षधर है और पीएम मोदी ने यही संदेश देकर उन्हें भेजा है. बड़े धीरज के साथ पुतिन ने डोभाल की बातें सुनी. डोभाल ने पुतिन को शांति का संदेश दिया और उन्हें यूक्रेन जंग खत्म करने के लिए समझाया. इसके बाद पुतिन ने डोभाल के जरिए पीएम मोदी को संदेश भिजवाया. पुतिन खुद मोदी का इंतजार कर रहे हैं. अगले महीने मोदी फिर रूस जा सकते हैं. इस तरह भारत के दूतों ने दुनियाभर की टेंशन को खत्म करने के लिए भारत का स्टैंड बताया.
Tags: Ajit Doval, DY Chandrachud, EAM S Jaishankar, Justice DY Chandrachud, PM Modi, World news
FIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 13:31 IST
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