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PM Modi In Islamabad: शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ के अक्टूबर में होने जा रहे सम्मेलन की मेजबानी पाकिस्तान करेगा. भारत पाक सीमा विवाद और जम्मू कश्मीर में घुसपैठ- आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं के बीच उसकी हरकतों के बाद इस बैठक में भारत का यदि नहीं पहुंचता है तो यह पूरे कार्यक्रम के लिए एक सेट-बैक की तरह होगा. ऐसे में भारत का न आना साथी देशों को खलेगा भी और अखरेगा भी. इसकी वजह का मूल भी पाकिस्तान ही होगा.
भारत को निमंत्रण लेकिन कार्यक्रम में मौजूदगी मुश्किल…
पिछले साल भारत ने एससीओ से जुड़े कई कार्यक्रमों की मेजबानी की थी और बिलावल भुट्टो जरदारी 12 साल से अधिक समय में ऐसी किसी बैठक में भारत आने वाले पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री थे. बता दें कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) में भारत और पाकिस्तान ने पिछले एक दशक से मुलाकात नहीं की है. इन सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं के बीच पाकिस्तान ने भारत को बुलावा भेजा है.
यदि प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक में जाते हैं तो साल 2014 दिसंबर के बाद यह उनकी पहली यात्रा होगी. मगर इस महत्वपूर्ण बैठक पर शंका के बादल मंडरा रहे हैं. अल जजीरा ने एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी से हवाले से कहा कि हालिया माहौल में यह मुमकिन कम ही लगता है. वहीं पाकिस्तान में भी इस बात को लेकर अटकलें हैं कि पीएम मोदी बैठक में शामिल होने पाकिस्तान पहुंचेंगे. जुलाई 2023 में जब भारत ने नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेज़बानी की थी, तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ऑनलाइन उपस्थित हुए थे.
‘बातचीत के युग समाप्ति’ के बीच पीएम मोदी यदि बैठक में जाते हैं तो…
पिछले सप्ताह नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान जयशंकर ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ ‘अच्छी बातचीत का युग’ समाप्त हो गया है. पीएम मोदी यदि बैठक में जाते हैं तो भी पाकिस्तान के साथ तनाव के बाद शिखर सम्मेलन पर छाया रह सकते हैं. वहीं पाकिस्तान में भी इस बात को लेकर अटकलें हैं कि पीएम मोदी बैठक में शामिल होने पाकिस्तान पहुंचेंगे.
यदि पीएम मोदी नहीं जाते हैं तो..
पीएम मोदी बैठक में शामिल नहीं होते हैं, तो एक मजबूत देश के मजबूत नेता की अनुपस्थिति वह मजबूत मेसेज दुनिया को नहीं भेज पाएगी जो पुतिन और शी के साथ की बैठकी के बाद तस्वीरों के रूप में भी कन्वे किया जाता. अल जजीरा की रिपोर्ट इस बात को रेखांकित करती है कि दोनों महत्वपूर्ण देशों के तनाव का असर इस संगठन की इस मीटिंग पर पड़ना तय है.
क्या है शंघाई सहयोग संगठन…
शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ दरअसल चीन और रूस ने 2001 में स्थापित किया और वे ही इसे लीड भी करते हैं. शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन दोनों के लिए ये महत्वपूर्ण है क्योंकि वे अपनी वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के लिए यहां माहौल तैयार करते हैं और बनाए रखते हैं. एससीओ में रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और ईरान (जो हाल ही में इसमें शामिल हुआ है) शामिल हैं. एससीओ का मकसद मेंबर देशों के बीच आपसी सौहार्द बनाना और बनाए रखने के अलावा इंटर-स्टेट संबंधों को बेहतरी की ओर ले जाना भी है. SCO चार्टर पर 2002 में देशों ने हस्ताक्षर किए थे और 2003 में इसे लागू कर दिया गया था.
Tags: India pakistan, Pakistan big news, World news
FIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 07:53 IST
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