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कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दिए ज्ञापन में ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर्स यूनियन ने किया दावा -कहा, अधिकारियों के निजी काम करने से ट्रैक का नहीं हो रहा ठीक से रखरखाव
-रेल मंत्रालय ने लगभग चार लाख ट्रैक मेंटेनरों के प्रति उदासीन रवैया अपनाया
नई दिल्ली, एजेंसी। ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर्स यूनियन ने कहा है कि रेलवे अधिकारियों ने कई ट्रैक मेंटेनर को अपने निजी काम के लिए नियुक्त कर रखा है। इस कारण ट्रैक का रखरखाव ठीक से नहीं होने के चलते अक्सर दुर्घटनाएं हो रही हैं। यूनियन ने हाल ही में दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी को ज्ञापन देकर अपनी समस्याएं उठाई थीं। यूनियन ने मुख्य रूप से ट्रैक मेंटेनर्स की सुरक्षा की मांग की है। वहीं, रेल मंत्रालय ने ट्रैक मेंटेनरों के संगठन द्वारा उठाए गए सवालों और मुद्दों पर अपनी टिप्पणी साझा करने के लिए कहे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया।
दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन पर यूनियन के विभिन्न पदाधिकारियों, ए.आई.आर.टी.यू. ने राहुल गांधी को एक लिखित नोट सौंपा था। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि रेल मंत्रालय ने लगभग चार लाख ट्रैक मेंटेनरों के प्रति उदासीन रवैया अपनाया है, जो देश में सुरक्षित रेल परिचालन सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम करते हैं।
भारतीय रेलवे में ट्रैक पर काम करते हुए औसतन हर दिन एक ट्रैक मेंटेनर अपनी जान दे देता है। इसके कई कारण हैं, जैसे कि सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं, अत्यधिक कठिन काम की लंबी अवधि और ट्रैक पर कर्मचारियों की संख्या में कमी। कई ट्रैक मेंटेनर, जिन्हें ट्रैक पर काम करना चाहिए, उन्हें रेलवे अधिकारियों ने अपने निजी काम के लिए नियुक्त कर रखा है। इस कारण ट्रैक का रखरखाव ठीक से नहीं हो पा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर दुर्घटनाएं हो रही हैं।
ट्रैक मेंटेनर्स को नहीं मिला ‘रक्षक ऐप :
यूनियन के अनुसार, ट्रैक मेंटेनरों को ‘रक्षक ऐप नहीं दिया गया है। इस कारण हमारे पास अक्सर ट्रैक मेंटेनरों के ट्रेन से कुचलने और उनकी मौत के मामले सामने आते हैं। ट्रैक मेंटेनरों को पदोन्नति का अवसर भी नहीं मिलता। एआईआरटीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष चांद मोहम्मद ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना के क्रियान्वयन, अलग से संक्रमण भत्ता व जोखिम भत्ता शुरू करने की मांग की है। प्रत्येक सेक्शन में उचित दूरी पर सुविधा युक्त गैंग हॉल्ट या रेस्ट रूम विकसित करने की आवश्यकता है। यूनियन के सदस्यों ने आठ घंटे की कार्य शिफ्ट और अत्यधिक खराब मौसम की स्थिति में रात्रि गश्त के दौरान आराम की भी मांग की गई।
सांसदों और नेताओं करेंगे संपर्क : सतीश यादव
पश्चिम रेलवे के एआईआरटीयू के महासचिव सतीश यादव ने कहा, हम इन सभी मुद्दों के बारे में रेलवे बोर्ड को लिख रहे हैं, लेकिन हमें कोई प्रतिक्रिया या कार्रवाई नहीं मिली है। हमारे पास विपक्ष के नेता को पत्र लिखने और अपने मुद्दों के निवारण के लिए उनकी मदद मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। हम अन्य सांसदों और नेताओं से भी संपर्क करेंगे और उनकी सहायता मांगेंगे।
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