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पैरालंपिक -पैरों से निशाना साधने वाली भारतीय तीरंदाज अपने पहले ही खेलों के अंतिम-16 में पहुंचीं, व्यक्तिगत कंपाउंड स्पर्धा में किया करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
-703 अंक रैंकिंग दौर में बनाकर सात सौ का आंकड़ा पार करने वाली पहली तीरंदाज बनीं
-704 अंक बनाकर तुर्की की गिर्डी ने एक अंक से तोड़ दिया भारतीय खिलाड़ी का रिकॉर्ड
पेरिस, एजेंसी। पैरों से निशाना साधने वाली भारतीय तीरंदाज शीतल देवी ने अपने पहले पैरालंपिक खेलों में धमाकेदार आगाज किया। जम्मू-कश्मीर की 17 वर्षीय शीतल गुरुवार को व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन रैंकिंग दौर में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ दूसरे दौर में रहते हुए सीधे अंतिम-16 में पहुंच गईं। उन्होंने इस दौरान विश्व रिकॉर्ड भी बनाया जिसे कुछ ही देर में तुर्की की खिलाड़ी ओजनुर गिर्डी क्यूर ने एक अंक से तोड़ दिया। यानी एक ही मैच में दो बार विश्व कीर्तिमान ध्वस्त हुआ।
शीतल ने 720 अंक में से 703 अंक जुटाए। वह सात सौ का आंकड़ा पार करने वाली पहली तीरंदाज बनीं। हालांकि कुछ देर बाद तुर्की की क्यूर ने 704 अंक जुटाकर उनका रिकॉर्ड तोड़ दिया। शीतल उनके बाद बाद दूसरे स्थान पर खिसक गईं। शीतल ने इसी महीने बनाए ग्रेट ब्रिटेन की फोएबे पाइन पेटरसन के 698 के रैंकिंग दौर का रिकॉर्ड तोड़ा जिसमें बाद में क्यूर ने सुधार किया। अन्य भारतीय सरिता 682 अंकों के साथ नौवें स्थान पर रहीं। वह शुक्रवार को राउंड ऑफ 32 में मलेशिया की अब्दुल जलील नूर जेनाटन का सामना करेंगी।
59 तीर से जुटाए दस-दस अंक : शीतल ने 59 निशाने 10 अंक पर लगाए जिसमें से 24 निशाने ‘एक्स’ (निशाने का केंद्र) पर लगे। ओजनुर ने 72 तीर के मुकाबले में 56 बार 10 अंक जुटाए जिसमें से 29 निशाने ‘एक्स’ पर लगे। शीतल सहित रैंकिंग दौर में शीर्ष चार पर रहने वाली तीरंदजों को राउंड ऑफ 32 में बाई मिली। वह अब शनिवार को राउंड ऑफ 16 में हिस्सा लेंगी।
जुनिगा या मी से होगी टक्कर : शीतल चिली की मारियाना जुनिगा और कोरिया की चोई ना मी के बीच होने वाले राउंड ऑफ 32 की विजेता से भिड़ेंगी। ये दोनों तीरंदाज रैंकिंग दौर में क्रमश: 15वें और 18वें स्थान पर रही। जुनिगा ने टोक्यो पैरालंपिक में रजत पदक जीता था।
शीतल ने पिछले साल चीन के हांगझोउ में पैरा एशियाई खेलों में एक ही सत्र में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रचा था। उन्होंने ने व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा युगल में रजत पदक जीता था। शीतल का जन्म फोकोमेलिया सिंड्रोम नामक दुर्लभ जन्मजात विकार के साथ हुआ था जिसके कारण उनके अंग अविकसित रह गए थे।
हरविंदर का सामना अब सेंग से
पुरुष व्यक्तिगत रिकर्व ओपन रैंकिंग दौर में टोक्यो पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता हरविंदर सिंह 637 अंक के साथ नौवें स्थान पर रहे। वह चार सितंबर को राउंड ऑफ 32 में चीनी ताइपे के सेंग लुंग हुई से भिड़ेंगे।
सुहास सहित आठ शटलरों का विजयी आगाज
टोक्यो के रजत पदक विजेता सुहास यथिराज सहित भारत के आठ पैरा शटलरों ने बैडमिंटन की एकल स्पर्धा में जीत के साथ आगाज किया। पुरुष एकल एसएल4 ग्रुप में सुहास के अलावा सुकांत कदम और तरुण ने जीत हासिल की। नितेश कुमार (एसएल 3), पलक कोहली (एसएल 4), तुलसीमति मुरूगेसन (एसयू 5), मनीषा रामदास (एसयू 5) और नित्या श्री सुमति सिवान (एसएच 6) ने भी पहले दौर की बाधा पार की।
सुकांत ने मलेशिया के मोहम्मद अमीन बुरहानुद्दीन को एक गेम से पिछड़ने के बाद जबरदस्त वापसी करते हुए 17-21, 21-15, 22-20 से मात दी। आईएएस अधिकारी सुहास ने इंडोनेशिया के हिकमत रामदानी को 22 मिनट में 21-7, 21-5 से और तरुण ने ब्राजील के ओलिवेरा रोजेरेयो जूनियर जेवियर को 21-17, 21-19 से हराया। नितेश ने हमवतन और मनोज सरकार को 21-13, 18-21, 21-18 से शिकस्त दी।
महिलाओं में तुलसीमति ने इटली की रोसा एफोमो डि मार्को को 21-9, 21-11 से, पलक ने फ्रांस की मिलेना सुरेयू को 21-12, 21-14 से और मनीषा ने स्थानीय खिलाड़ी मॉद लेफर्ट को 8-21, 21-6, 21-19 से हराया। नित्या ने अमेरिका की जयसी सिमोन को 21-7, 21-8 से मात दी।
नितेश कुमार और तुलसीमति मुरूगेसन ने हमवतन सुहास और पलक को मिश्रित युगल में 21-14, 21-17 से हराया। शिवराजन सोलाइमलाइ और नित्या श्री को अमेरिका के माइल्स क्राजेवस्की और जेसी सिमोन से 21-23, 11-21 से हार मिली। मंदीप कौर और मानसी जोशी को भी एसएल3 महिला एकल मुकाबलों में हार मिली। मानसी को इंडोनेशिया की कोनिताह इख्तियार सयाकुरोह से 21-16, 13-21, 18-21 से और मंदीप को नाईजीरिया की मरियम इनियोला बोलाजी से 8-21, 14-21 से शिकस्त मिली।
अरुणा अंतिम-16 में हारीं
भारत की अरुणा तंवर ( 44-47 किग्रा ) ताइक्वांडो स्पर्धा के अंतिम-16 में हार गईं। के44 वर्ग में खेलने वाली अरुणा को तुर्की की नुरसिहान एकिंसी से एकतरफा मुकाबले में 0-19 से शिकस्त का सामना करना पड़ा। अरुणा तुर्की की अपनी प्रतिद्वंद्वी की कोई बराबरी नहीं कर सकीं जिन्होंने पांच मिनट के राउंड में अपनी इच्छानुसार अंक जुटाए। इस दौरान भारतीय खिलाड़ी ने एक पेनाल्टी अंक भी गंवाया। के44 वर्ग में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जिनके एक हाथ में कोहनी के ऊपर की विकलांगता होती है।
ज्योति रहीं दसवें स्थान पर
ज्योति गडेरिया महिलाओं की सी1-3 3000 मीटर व्यक्तिगत परस्यूट साइकिलिंग स्पर्धा के क्वालीफाइंग दौर में 10वें और अंतिम स्थान पर रहकर बाहर हो गईं। ज्योति ने 3000 मीटर की दूरी तय करने में चार मिनट 53.929 सेकंड का समय लिया। चीन की वांग जियाओमेई (3:44.660 सेकंड) और ब्रिटेन की डाफने श्रागर (3:45.133 सेकंड) क्वालीफाइंग दौर में क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर रहीं। यह दोनों स्वर्ण पदक के लिए मुकाबला करेंगी। जर्मनी की मैके हॉसबरगर और स्विट्जरलैंड की फ्लूरिना रिगलिंग क्रमश: तीसरे और चौथे स्थान पर रहीं और कांस्य पदक के लिए खेलेंगी। पैरा-साइकिलिंग में मस्तिष्क पक्षाघात, निचले अंग के कटने और विकलांगता वाले एथलीट सी1 से सी5 की पांच श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करते हैं।
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