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कार्यक्रम में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को लेकर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्कूली बच्चों को मंत्री सुरेश सिंह रावत ने पुरस्कार और प्रशंसनीय पत्र देकर सम्मानित किया।
केंद्र सरकार ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का उत्सव मनाने के लिए 23 अगस्त को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ घोषित किया है। इसी मौके पर बुधवार को जयपुर के झालाना स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में जल शक्ति मंत्रालय और राजस्थान सरकार के जल संसाधन विभाग की ओर
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कार्यक्रम में जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी और वैज्ञानिक भी मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का उत्सव मनाने के लिए केंद्र सरकार ने 23 अगस्त को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ घोषित किया है। इस कार्यक्रम के जरिए आमजन को स्पेस टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी दी जा रही है। जिससे वे स्पेस टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक उपयोग ले सकें।
कार्यक्रम में जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी और वैज्ञानिक भी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग की स्पेस टेक्नोलॉजी के जरिए जल प्रबंधन का काम करेगा। कार्यक्रम में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को लेकर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्कूली बच्चों को मंत्री सुरेश सिंह रावत ने पुरस्कार और प्रशंसनीय पत्र देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में पार्वती बांध धौलपुर के कमांड क्षेत्र के किसानों को राज्य सरकार ने सौगात दी।
कार्यक्रम में पार्वती बांध धौलपुर के कमांड क्षेत्र के किसानों को राज्य सरकार ने सौगात दी। बुधवार को जयपुर के झालाना स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने बटन दबाकर किसान साथी एप का लोकार्पण किया। इस मौके पर जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
जल संसाधन विभाग राजस्थान और राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की की ओर से विकसित किए गए किसान साथी मोबाइल एप के जरिए पार्वती बांध धौलपुर के कमांड क्षेत्र के काश्तकारों को लाभ मिलेगा। इस एप पर एक क्लिक करते ही किसानों को बांध की भराव क्षमता, उसमें उपलब्ध पेयजल और खेतों में फसलों के बारे में जानकारी मिलेगी। इससे किसान कम पानी में अच्छी फसल पैदा कर सकेंगे ।
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