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गढ़वा एसपी दीपक पांडेय को वीरता पदक
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पुलिस पदों की घोषणा कर दी है। इस साल झारखंड से सात पुलिस के लोगों को वीरता पदक से नवाजा गया है। इस लिस्ट में गढ़वा के एसपी दीपक पांडेय सहित छह और पुलिसकर्मी हैं।
वहीं जिन पुलिसकर्मियों को सराहनीय सेव
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- दीपक पांडे, एसपी, गढ़वा
- विश्वजीत कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर
- उमेश सिंह, हवलदार
- सुभाष दास, कांस्टेबल
- रवींद्र टोप्पो, कांस्टेबल
- गोपाल गंझू, कांस्टेबल
- सच्चिदानंद सिंह, एएसआई
पुलिस सराहनीय सेवा पदक लिस्ट
- रणधीर कुमार सिंह कांस्टेबल
- विमल कुमार छेत्री, कांस्टेबल
- सलोमी मिंज, हेड कांस्टेबल
- संजय उरांव, हेड कांस्टेबल
- हेमा रानी कुल्लू, कांस्टेबल
- रेखा कुमारी, कांस्टेबल
- संजीव कुमार गुप्ता, कांस्टेबल
- ऋतुराज, हेड कांस्टेबल
- राजेंद्र राम, हेड कांस्टेबल
- अरुण उरांव, हेड कांस्टेबल
- संजय कुमार, हेड कांस्टेबल
फायरमैन को गैलेंट्री मेडल
पहली बार लिस्ट में फायरसर्विस को शामिल किया गया है। इस लिस्ट में भी झारखंड का नाम है। इस लिस्ट में झारखंड अग्निशमन विभाग के फायरमैन प्यारेलाल तांबवार को गैलैंट्री मेडल से नवाजा गया है।
अब जानिए पदक के पीछे की कहानी
भाकपा माओवादियों से हुई मुठभेड़ में मिली सफलता
गढ़वा एसपी दीपक पांडे को राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह पुरस्कार वर्ष 2022 में भाकपा माओवादियों से हुई मुठभेड़ में सफलता की वजह से मिला है। लोहरदग्गा एएसपी (अभियान) रहने के दौरान 29 दिसंबर 2022 को उन्हें एक गुप्त सूचना मिली थी कि भाकपा माओवादियों का एक दस्ता लोहरदग्गा जिले के बुगड़ू थाना क्षेत्र के कोरगो के जंगल में है।
इसी सूचना के आधार पर एएसपी अभियान के नेतृत्व मे जिला पुलिस बल और सीआरपीफ के साथ भाकपा माओवादी के रविंद्र गांझु के दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी। जिसमें एक सब ज़ोनल कमांडर चंद्रभान पाहन की मौत हुई थी। जबकी दूसरा सबजोनल कमांडर गोविंद ब्रिजिया पकड़ा गया था।
खुद हुए जख्मी पर आग बुझा कर माने
फायरमैन ड्राईवर प्यारे लाल तंबवार को वीरता पदक के लिए चुना गया है। उनके इस पद के पीछे की कहानी ऐसी है कि 16 मई 23 को साहेबगंज में स्थित एक सड़क निर्माण स्थल पर गंभीर आग लगी थी। सूचना मिलते ही प्यारे लाल तंबवार मौके पर पहुंचे। जहां पहुंचते ही उन्होंने पाया कि सड़क बनाने वाले उपकरण और अलकतरा में भयंकर आग लगी हुई है।
इसी दौरान अलकतरा टैंक में ब्लास्ट हो गया। इस ब्लास्ट में फायरमैन प्यारे लाल को गंभीर चोट आई। पर चोट के बाद भी वे रूके नहीं। तब तक काम करते रहे जब तक आग पर काबू पाने में सफलता हासिल न कर ली। इस साहस को लेकर उन्हें पांच रुपए की राशि से पुरस्कृत भी किया गया था।
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