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खानकाह-ए-नियाजिया के मुंतजिम शब्बू मियां का मंगलवार को निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे।। कई महीनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई।
शब्बू मियां नियाजी के घर के बाहर जुटे लोग
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बरेली की अजीम शख्सियत माने जाने वाले खानकाह-ए-नियाजिया के मुंतजिम सिब्तैन हसन नियाजी उर्फ शब्बू मियां (66) मंगलवार को दुनिया-ए-फानी को अलविदा कह गए। वह कई महीनों से बीमार चल रहे थे। शहर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। देर शाम 8:10 बजे उन्होंने अपने घर में आखिरी सांस ली। इससे उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई।
मजहब की दीवार तोड़कर लोग उनको खिराज-ए-अकीदत पेश करने खानकाह पहुंचे। वहां भीड़ जुट गई। देर रात तक लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। शब्बू मियां के निजी सचिव मौलाना कासिम नियाजी ने बताया कि महफिल में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी थी। उसके बाद वह घर आ गए और थोड़ी देर के बाद रूह परवाज कर गई। उन्हें बुधवार को गरीब नवाज मस्जिद परिसर स्थित खानकाही कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। इससे पहले उनकी नमाज-ए-जनाजा खानकाह में दोपहर 12:45 बजे अदा की जाएगी।
सौहार्द और मोहब्बत की मिसाल थे शब्बू मियां
बरेली की नायाब शख्सियत शब्बू मियां सौहार्द और मोहब्बत की मिसाल थे। उन्होंने खानकाह-ए-नियाजिया के मुंतजिम की जिम्मेदारी संभालते हुए दीन-दुनिया के तमाम काम को अंजाम दिया। माना जाता है कि वह इंसानियत के अलमबरदार रहे और सूफी विचारधारा के संदेश को आगे बढ़ाते हुए हर एक को गले लगाया। वह सभी मिलने वालों का दिल जीत लेते थे।
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