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ऐलान : चौथा ओलंपिक खेलने जा रहे 36 वर्षीय गोलकीपर ने टोक्यो ओलंपिक में शानदार गोलकीपिंग से भारत को कांस्य दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी
पेरिस ओलंपिक के बाद हॉकी को अलविदा कह देंगे पीआर श्रीजेश
मैं पेरिस में अपने आखिरी टूर्नामेंट की तैयारी कर रहा हूं, मुझे अपने करियर पर बहुत गर्व है और उम्मीद के साथ आगे बढ़ रहा हूं। मेरी अब तक की यात्रा असाधारण रही है और और मैं अपने परिवार, टीम के साथियों, सभी कोच, प्रशंसकों और हॉकी इंडिया के प्यार और समर्थन के लिए हमेशा आभारी हूं।
-पीआर श्रीजेश, भारतीय गोलकीपर
अंतरराष्ट्रीय सफर
2006 में भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए पदार्पण किया
328 मैच अभी तक भारतीय टीम की ओर से खेले
2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता टीम में रहे
2018 एशियाड में कांस्य विजेता टीम में भी शामिल
2018 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी की संयुक्त विजेता टीम के सदस्य
2019 एफआईएच पुरुष सीरीज फाइनल की स्वर्ण पदक विजेता टीम
2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक विजेता टीम के सदस्य रहे
2022 में भारत को हॉकी प्रो लीग में तीसरे स्थान पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई
सम्मान
-2021 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार
-2021 में ‘वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर बने का पुरस्कार जीता
-2021 और 2022 में में लगातार दो बार एफआईएच साल के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर रहे
पेरिस, एजेंसी। अनुभवी गोलकीपर और भारत के पूर्व हॉकी कप्तान पीआर श्रीजेश पेरिस ओलंपिक के बाद संन्यास ले लेंगे। उन्होंने हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति के जरिये सोमवार को यह जानकारी दी। श्रीजेश का यह चौथा ओलंपिक होगा, साथ ही आखिरी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा।
हॉकी इंडिया ने श्रीजेश को उनके शानदार करियर के लिए बधाई दी। हॉकी इंडिया ने राष्ट्रीय टीम के लिए ‘विन इट फॉर श्रीजेश (श्रीजेश के लिए जीतना है) का अभियान शुरू किया है जो खिलाड़ियों को फिर से पदक जीतने लिए प्रेरित करेगा।
टोक्यो में दिलाया था कांसा : भारत के लिए 328 मैच खेलने वाले और कई राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और विश्व कप में खेल चुके 36 साल के श्रीजेश ने 2021 में टोक्यो ओलंपिक में शानदार गोलकीपिंग से भारत को कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। भारत ने तब इस खेल में 41 साल के पदक के सूखे को खत्म किया था। उन्होंने पिछले साल एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन किया जिससे भारतीय टीम स्वर्ण पदक जीतकर पेरिस ओलंपिक 2024 का टिकट पक्का करने में सफल रही।
पदक का रंग बदलने की आशा : श्रीजेश ने हॉकी इंडिया से जारी विज्ञप्ति में कहा कि उन्होंने टीम साथियों को संन्यास के फैसले से अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा, मेरे साथी मुश्किल समय में मेरे साथ खड़े रहे हैं। हम सभी पेरिस में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके निश्चित रूप से अपने पदक का रंग बदलना चाहते है।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप तिर्की ने कहा, श्रीजेश मुश्किल से 18 या 19 साल के थे जब मैंने उन्हें पहली बार भारतीय शिविर में देखा था और अगर मुझे सही याद है, तो जब मैं कप्तानी कर रहा था तब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय हॉकी में पदार्पण किया था। वह बहुत विशेष खिलाड़ी हैं और भारतीय हॉकी में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए मेरा दिल खुशी और कृतज्ञता से भर गया है।
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