[ad_1]
ऐप पर पढ़ें
Jharkhand weather: बंगाल की खाड़ी में बन रहे लो सर्कुलेशन का असर झारखंड में 22 जुलाई से दिखने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो इस दिन से राज्य के अधिकांश हिस्से में बारिश होने की संभावना है। जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।
22 जुलाई से अच्छी बारिश की भविष्यवाणी
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दबाव से मानसून रफ्तार पकड़ेगा। राज्य के अधिकतर भागों में 22 जुलाई से अच्छी बारिश होने की प्रबल संभावना हैं। बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव के बनने की प्रक्रिया पूरी होते ही बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों के साथ- साथ झारखंड में भी जमकर बारिश होगी और इसका असर 24 जुलाई तक पूरे राज्य में रहेगा। ऐसे में तीन दिन अच्छी खासी बारिश हो सकती है, ऐसे में पिछले कुछ दिनों से सुस्त पड़े मानसून को एक बार फिर से तेज होने की प्रबल संभावना है।
तापमान में दो से तीन डिग्री की आयेगी गिरावट
साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर पश्चिम सिंहभूम, सिमडेगा, गुमला, खूंटी, रांची, लोहरदगा, लातेहार, रामगढ़ जिले में देखने को मिलेगा। वहीं, अगले 2 दिनों में अधिकतम तापमान में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं है। हालांकि, तीन दिनों के तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस कमी होने की संभावना है।
राज्य में जून में जहां 73.5 मिमी बारिश (61 कम) हुई। जुलाई के 18 दिनों में 131.4 मिमी पानी बरसा है। यह जुलाई में होने वाली सामान्य बारिश से 33 कम है। इन सबके बीच रोपनी की स्थिति सही नहीं है। कृषि निदेशालय के अनुसार जून में जहां राज्य में मात्र 2 हेक्टेयर में रोपनी हुई थी। 18 जुलाई तक यह आंकड़ा बढ़कर 98,943 हेक्टेयर तक पहुंच पाया है। बीते साल से तुलना करें तो इस साल 64 बारिश ज्यादा हुई है। लेकिन धान की रोपनी बीते साल की तुलना में अभी भी 3 कम है।
आकड़ों की बात करें तो बीते साल जून-जुलाई तक 319 मिमी सामान्य वर्षापात की जगह 13 जुलाई तक 70 मिमी वास्तविक बारिश हुई थी। वहीं, 13 जुलाई तक राज्य में 1.47 लाख 382 हेक्टेयर में धान की खेती हो चुकी थी। इस साल जून-जुलाई में 386 मिमी सामान्य बारिश की जगह 18 जुलाई तक 205 मिमी वास्तविक बारिश हुई है। जबकि, 18 जुलाई तक सूबे में महज 98,943 हेक्टेयर में धान की फसल लगी है। यानी बीते साल की तुलना में इस साल जहां 64 ज्यादा बारिश हुई है, वहीं रोपनी 3 कम हुई है। संयुक्त कृषि निदेशक मुकेश कुमार सिन्हा बताते हैं कि धान की रोपनी के लिए अभी समय बचा हुआ है। आगे भी अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान है। खरीफ की खेती का लक्ष्य पूरा होगा।
[ad_2]
Source link