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मोहर्रम के अलविदाई ताजिये गमगीन माहौल में सुपुर्दे खाक किए गए। जयपुर में बुधवार को मोहर्रम यौम ए आशुरा मनाया गया। देर रात तक मातमी धुनों पर जुलूस निकाला गया इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए अकीदतमंदों ने दुआएं मांगी। शहर के अलग-अलग मोहल्लों से करी
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इससे पहल मातमी धुनों पर गमगीन माहौल में शहर के अलग-अलग मोहल्लों से ताजियों का जुलूस निकाला जो की बड़ी चौपड़ से सिरहड्योढ़ी बाजार, सुभाष चौक होते हुए रामगढ़ मोड़ होकर कर्बला पहुंचा कर्बला मैदान में ताजियों को सुपुर्द ए खाक किया गया। इससे पहले शहर के मोहल्लों में इबादत के लिए ताजियों को रखा गया। बड़ी चौपड़ पर देर रात तक ताजिये देखने के लिए लोग जुटे रहे। ताजियों के साथ युवा हाथ में तिरंगा लेहराते हुए भी नजर आएं।
हवामहल के सामने होते हुए मोहर्रम पर ताजियों को कर्बला ले जाया गया।
बता दें कि कर्बला में 10 मोहर्रम को रसूल के नवासे इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों को शहीद कर दिया गया था। वह सभी रसूल के दीन को बचाने गए थे। इसी को लेकर शिया समाज के मोहर्रम के अलविदाई ताजियों का जुलूस आलमपुरा से परम्परागत तरीके से अदबो एहतराम के साथ निकला। ताजियों को बाइस ख्वाजा कब्रिस्तान में गमगीन माहौल में सुपुर्द ए खाक किया गया।
हाथ में अलम लेकर निकले बच्चे
जुलूस में एक बड़ा ताजिया सहित दर्जनों छोटे ताजिये, अलम, इस्लामी परचम शामिल थे। मुस्लिम युवक और बच्चे हाथों में अलम, इस्लामी परचम और छोटे-छोटे ताजिये लेकर आगे चल रहे थे। ताजियों के भ्रमण के दौरान शिया समाज के युवकों ने पिछले सालों की तरह इस साल भी छुरियों और कमा का मातम कर अपने आप को लहूलुहान कर कर्बला में इमाम हुसैन की मुसीबतों को याद किया।
मजलिसों का हुआ आयोजन
अलम पकड़े बच्चों के हाथो में हुसैनी परचम लहरा रहे थे। ताजियों के जुलूस व छुरियों का मातम देखने वालों से सड़कों पर जाम लग गया। जुलूस में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते ताजिये शांतिपूर्ण माहौल में सुपुर्द ए खाक हुए।
यहां देखें फोटोज
ताजिये देखने पहुंचे मुस्लिम समाज के लोग।
मुस्लिम समाज के लोगों ने बताया कि ताजिये सुपुर्द ए खाक करने के बाद हम ताजियें बनाने में जुट जाते है। जिसके बाद महिनों की मेहनत के बाद यह ताजिये तैयार होते है।
सुपुर्द ए खाक से पहले बड़ी चौपड़ पर ताजिये।
नालबंद मोहल्ले का ताजिया।
देर रात तक बड़ी चौपड़ पर मोहर्रम के मौके पर जन सैलाब उमड़ा।
फुटा खुर्रा मोहल्ले का ताजिया।
ताजिये देखने के लिए लोग शाम से देर रात तक डटे रहे।
मोहल्ला इमाम चौक बास बदनपुरा का ताजिया।
रामगंज की ओर से बड़ी चौपड़ आते हुए ताजिये।
मोहल्ला भैंसों वालान सुभाषचौक का ताजिया।
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